क्या आपके जबड़े छोटे-बड़े आकर के है? क्या आपके दांत टेढ़े मेढे हैं? इस तरह की समस्या को orthodontic प्रॉब्लम कहते है| यह प्रॉब्लम बच्चो और बड़ो दोनों में पायी जाती है| अतः ब्रेसेस का इस्तेमाल दांतों को सही आकर देने के लिए किया जाता है ताकि दांतों का सही विकास हो सके|
कब ले जाएँ अपने बच्चो को डेन्टिस्ट के पास?
अगर आपका बच्चा 7-8 साल का है और उसे दांतों की समस्या है, तो आपको उसे दन्त रोग विशेषज्ञ के पास ले जाना चाहिए| अमेरिकन एसोसिएशन ऑफ़ ऑर्थोडॉन्टिक्स के अनुसार ये उम्र उनके दांतों के विकास की है जब उनके दांतों को आकर मिलता है| दन्त रोग विशेषज्ञ उनके दांत और जबड़ो की कंडीशन के हिसाब से ब्रेसेस लगवाने की सलाह देते हैं| वे इलाज की सही उम्र भी बताते हैं| निचला जबड़ा भी उम्र के साथ साथ बढता है| अगर 8-10 की उम्र में उपरी जबड़ा ज्यादा बड़ा है तो आपको 10-12 की उम्र तक बच्चे को डेन्टिस्ट के पास ले जाना चाहिए|
जानिये कैसे करवाए उम्र के हिसाब इलाज?
रिमूवेबल
कब – यह प्लेट 8 से 9 साल के बच्चों को लगायी जाती है| वो आसानी से इसे लगा और उतार सकते हैं|
क्यों – ये प्रिवेंटिव रूप से उन बच्चों को लगाया जाता है जिनको अंगूठा चूसने और मुह में रखने की आदत होती है|
कैसे – सेरेमिक या मैटेलिक वायर और ब्रैकेट से बने तारों या ब्रेसेस प्रयोग होते हैं|
इस तरह के ब्रेसेस लगवाने के लिए कोई उम्र सीमा नहीं है| यह 1 से 1½ साल तक जबड़ा और दांतों को फिक्स रखते हैं|
सर्जिकल
डिस्ट्रेक्शन ऑस्टियोजिनेसिस या सेजाइटल स्प्लिट ऑस्टियोटॉमी (एसएसओ) सर्जरी ब्रेसेस लगाने के बाद की जाती है यदि कोई समस्या नहीं होती है| हमारे दांत 25 से 30 की आयु के बाद बढ़ना बंद कर देते हैं| इस स्थिति में जबड़े के आकर के हिसाब से हड्डी को आगे पीछे किया जाता है या कटा जाता है|
कैसे बनते है ब्रेसेस?
सबसे पहले जबड़े या दांतों की फोटो ली जाती है फिर उसका मॉडल (सांचा) तैयार होता है| कुछ जरुरी जांच की जाती है उसके बाद साइफैलोग्राम, ऑर्थोपेंटोमोग्राम और सीवीसीटी एक्स-रे लिया जाता है| सभी डाटा को सॉफ्टवेयर में स्टोर किया जाता है| उसके बाद विशेषज्ञ जिस तरह का दांत और जबड़ा भविष्य में होगा उस हिसाब से दो फोटो से सही तकनीक का चुनाव करते हैं|
इसके बाद दांतों को अलग करके उनको सीधा करने के लिए ब्रेसेस लगते हैं| डेन्टिस्ट बिना तार वाले प्लास्टिक एलाइनर कुछ मामलो में इस्तेमाल करते हैं| इस तरह के उपकरण कंप्यूटर से तैयार होते हैं| नीचे का जबड़ा छोटा होने पर एक्टिवेटर या मॉडिफिकेशन एप्लाइंसेज इस्तेमाल होते है और ऊपर का जबड़ा छोटा होने पर फेसमास्क या ट्विनब्लॉक इस्तेमाल होता है| एडल्ट ऑर्थोडॉन्टिक्स ऐसे मरीजों को लगाया जाता है जो 30 से 40 साल के है और जिन्हें ऑर्थोडॉन्टिक समस्या है|